Meena Sankranti 2023, Sankramanam Date and Time, मीन संक्रांति के दिन ध्यान देने योग्य बातें

Meena Sankranti 2023 is observed on 15th of March. Check its important details in this article.

जब सूरज एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। सूर्य हर महीने दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस तरह साल में 12 Sankranti होती है। सूरज मेषराशि से अंतिम राशि मीन में प्रवेश करता है।  सूरज के मीन राशि में प्रवेश करने को मीन संक्रांति कहा जाता है। मीन संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है; मीन संक्रांति को साल के आखिरी महीने की संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार यह साल का आखरी महीना होता है। दक्षिण भारत में मीन संक्रांति को मीन संक्रमण के नाम से जाना जाता है। भारत के कुछ राज्यों जैसे कि पंजाब, केरल और तमिलनाडु में हर महीने के आरंभ में मीन संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है जबकि आंध्र प्रदेश में हर महीने के उत्तरार्ध में यह त्यौहार मनाया जाता है।

Meena Sankranti 2023 Overview

Sankranti Meena Sankranti
Date March 15
Day Wednesday
Punya Kaal March 15, 6:47 AM to 1:10 PM
Maha Punya Kaal March 15, 6:47 AM to 08:46 AM
Sankranti Moment 6:47 AM on March 15, 2023

Meena Sankranti मीन संक्रांति का महत्व

मीन संक्रांति का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया जाता है। इस दिन को धार्मिक दृष्टि से ही पवित्र और शुभ नहीं माना जाता बल्कि व्यावहारिक रूप से भी उत्तम माना जाता है। मीन संक्रांति से सूरज की गति उत्तरायण की ओर बढ़ रही होती है। उत्तरायण काल में सूरज उत्तर दिशा की ओर उदय होता दिखाई देता है। उसमें दिन का समय बढ़ जाता है और रातें छोटी हो जाती हैं। इसके साथ ही प्रकृति में नया जीवन शुरू हो जाता है। इस समय वातावरण और हवा भी शुद्ध हो जाती है। ऐसे में देव उपासना, योग, ध्यान, पूजा, तन, मन और बुद्धि को पुष्ट करते हैं।

इस समय रातें छोटी होने के कारण नकारात्मक शक्तियों में भी कमी आ जाती है और दिन में ऊर्जा प्राप्त है होती है। इस लिए पुण्य काल में दान स्नान करना अति शुभ माना जाता है। तीर्थ धार्मिक स्थानों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। मीन संक्रांति का पर्व सूरज की आराधना उपासना का पावन त्यौहार है, जिससे तन- मन और आत्मा की शक्ति प्राप्त की जा सकती है।

मीन संक्रांति की कथा 

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि मीन बृहस्पति की राशि है और उसमें सूर्य के प्रवेश के कारण सूरज का प्रभाव से बृहस्पति की सक्रियता कम हो जाती है। इसलिए इस समय को खरमास या मलमास के नाम से जाना जाता है। इसलिए मीन संक्रांति में खरमास की कथा का विशेष महत्व है।

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार सूरज देवता अपने साथ घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए निकल जाते हैं। इस दौरान उनको कहीं भी नहीं रुकना होता है। कई महीनों तक लगातार चलते रहने के कारण सूरज देव के रथ के घोड़े थक जाते हैं और उनको प्यास भी लगने लग जाती है। घोड़ों की इस हालत को देखकर चिंतित हो जाते हैं। सूरज देवता अपने घोड़ों को लेकर एक तालाब के किनारे पहुंच जाते हैं। लेकिन तभी उन्हें याद आता है कि अगर वह रुक गए तो संसार में जनजीवन के रुक जाएगा। सूरज देव परेशान होकर इधर-उधर देखने लगे।

तभी तालाब के किनारे उन्हें दो खर यानी गंधर्व दिखाई देते हैं। सूर्य देव ने रथ के घोड़ों को आराम करने के लिए तालाब के किनारे छोड़ देते हैं और घोड़ों की जगह पर खर को रथ में जोड़ लेते हैं। लेकिन खर की गति घोड़ों जितनी तेज नहीं होती। इसलिए उनकी धीमी गति के कारण रथ की गति भी धीमी हो जाती है। फिर भी जैसे तैसे करके सूरज देवता ने 1 महीने का चक्र पूरा कर लिया था।

Meena Sankranti Puja Vidhi (मीन सक्रांति की पूजा विधि )

  • मान्यता है कि मीन संक्रांति के दिन गंगा, जमुना, और सरस्वती आदि नदियों में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं ।
  • इस दिन वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इस दिन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है ।
  •  इस दिन सुबह सूर्य उगने के समय किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। यदि ऐसा करना संभव ना हो तो घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए ।
  •  स्नान करते समय सूरज देवता को नमस्कार किया जाता है और उनसे अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाती है।
  •  इस दिन मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन किए जाते हैं और घर पर ही धूप, दीप, फूल, मिठाई आदि से भगवान की पूजा की जाती है।
  • इस दिन सभी मंदिरों को फूलों से बड़ा सुंदर सजाया जाता है और दीप जलाए जाते हैं।
  •   इस दिन दान पुण्य कर्मों से सभी जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं।
  •  देशभर में मीन संक्रांति का त्योहार बड़ी ही उत्साह से मनाया जाता है।

मीन संक्रांति पर दान का महत्व 

मीन संक्रांति के शुभ दिन पर विशेष चीजों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ज्यादातर इस दिन को दिव्य आशीर्वाद को ग्रहण करने का दिन माना जाता है। मीन संक्रांति के दिन दान पुण्य करने के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। मीन संक्रांति के दिन ब्राह्मण और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र आदि का दान दिया जाता है। 

मीन संक्रांति के दिन भूमि का दान करने से अत्यंत सुख समृद्धि व वृद्धि होती है। इसलिए मीन संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व माना जाता है।

 मीन संक्रांति के दिन किए जाने वाले उपाय 

  • मीन संक्रांति के दिन आराध्य देवी देवता की पूजा की जाती है।
  •  इस दिन सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है।
  • मीन संक्रांति के दिन तिल, वस्त्र और अनाज का दान किया जाता है।
  •  मीन संक्रांति के दिन गाय को चारा खिलाना शुभ माना जाता है।
  •  मीन संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है ।
  • मलमास के गुरुवार के दिन पीले वस्त्रों का दान करना शुभ माना जाता है।

 मीन संक्रांति के दिन ध्यान देने योग्य बातें

  • मीन संक्रांतिके दिन मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं।
  •  मीन संक्रांति के दिन नामकरण, विवाह संस्कार और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
  •  इस दिन कान छेदना, अन्नप्राशन और उपनयन संस्कार नहीं किए जाते।
  •  मीन संक्रांति के दिन विद्या आरंभ और वस्तु पूजन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।

Meena Sankranti 2023 Date (मीन संक्रांति तिथि 2023)

मीन संक्रांति तिथि 15 मार्च, 2023 को Wednesday को हैं।

Frequently Asked Questions

मीन संक्रांति 2023 कब है?

मीन संक्रांति 15 मार्च को Wednesday को है।

मीन संक्रांति Punya Kaal कब आरंभ होगी?

15 मार्च को 6:47 AM

मीन संक्रांति Punya Kaal कब खत्म होगी?

15 मार्च को 1:10 PM

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