Dhanu Sankranti 2023: Date and Time, धनु सक्रांति की पूजा विधि

Dhanu Sankranti 2023 falls on Saturday, September 16, 2023. Check its importance, puja vidhi, along with other important details.

सनातन हिंदू धर्म के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति के पर्व के रूप में भारत में कई इलाकों में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार सूर्य के इस परिवर्तन से सभी राशियों में कहीं पर अधिक प्रभाव पड़ता है और कई राशियों पर कम प्रभाव पड़ता है अर्थात सूर्य का परिवर्तन सभी राशियों को किसी ना किसी रूप से प्रभावित करता है। हर साल जब सूर्य अपनी राशि बदलकर धनु राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को धनु सक्रांति के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह समय शुभ नहीं होता।

धनु संक्रांति को दक्षिण भारत में धनुर्मास भी कहा जाता है। इस क्रांति को पौष सक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। विशेष तौर पर उड़ीसा में शुक्ल पक्ष में पौष महीने के छठे दिन पर धनु यात्रा निकाली जाती है और विशेष प्रसाद तैयार किए जाते हैं। पूजा समारोह के दौरान भगवान को चढ़ाने के लिए शंकु आकार के मीठे चावल के गुच्छे शामिल किए जाते हैं।

Dhanu Sankranti 2023 Tithi

Sankranti Dhanu Sankranti 2023
Date 16th December 2023
Day Saturday

धनु संक्रांति का महत्व (Dhanu Sankranti Importance)

हिंदू धर्म के अनुसार सभी Sankranti का काफी महत्व है। इसलिए धनु संक्रांति भी महत्वपूर्ण होती है। धनु सक्रांति के दिन पित्र तर्पण धर्म स्नान आदि किए जाते हैं और वैदिक उत्सव के रूप में कई इलाकों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के कुछ राज्यों जैसे कि आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, केरला, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और महाराष्ट्र में सक्रांति को बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है। धनु सक्रांति के दिन विशेष तौर पर उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की जाती है और भगवान जगन्नाथ को मीठा भात अर्पित किया जाता है।

धनु सक्रांति के दिन किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते, विशेष तौर पर विवाह जैसे कार्य करने पूरी तरह से वर्जित होते हैं। जबकि तीर्थ स्थल की यात्रा के लिए यह समय शुभ माना जाता है। धनु संक्रांति के दिन से ही हेमंत ऋतु शुरू होने का संकेत मिल जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु सक्रांति मीन कर्क और तुला राशि वाले लोगों के लिए शुभ होती है और उन लोगों को जॉब और बिजनेस में तरक्की प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इन राशियों वाले लोगों को बिजनेस और प्रॉपर्टी में भी काफी फायदा मिलता है और उनकी सेहत के लिए भी यह समय अच्छा होता है अर्थात किस्मत उन पर मेहरबान होती है। इन राशि वाले लोगों पर धनु सक्रांति के अशुभ ग्रह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, धनु, कुंभ राशि वाले लोगों के लिए धर्म सक्रांति का समय मिलाजुला होता है। इन राशि वाले लोगों को धन लाभ तो प्राप्त होता है परंतु खर्चा भी बढ़ जाता है।

धनु संक्रांति की कथा (Dhanu Sankranti Katha)

पौराणिक ग्रंथों में खरमास की कथा के अनुसार भगवान सूर्य देव जब सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे तो उस समय लगातार चलने और विश्राम ना मिलने के कारण वह बहुत ज्यादा थक गए थे। जबकि घोड़ों पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करनी आवश्यक थी क्योंकि यदि वह कहीं पर रुक जाते तो सारा जनजीवन ही ठहर जाता, इसलिए उनकी ऐसी हालत देखकर सूर्य देव का मन  पिघल गया और घोड़ों को पानी पिलाने के लिए वह उन्हें तालाब के किनारे ले गए। उसी समय उन्हें ध्यान आया कि वह रथ को रोक नहीं सकते वरना अनर्थ हो सकता है। घोड़ों की खुशकिस्मती से उस समय तालाब के किनारे दो घर अर्थात दो गधे मौजूद थे; भगवान सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और विश्राम देने के लिए छोड़ दिया और गधों को अपने रथ में जोत लिया। रथ की गति धीमी हो गई फिर भी जैसे तैसे 1 महीने का चक्र पूरा कर लिया गया, उस समय तक घोड़ों को भी विश्राम मिल गया और यह क्रम लगातार चलता रहा। इसीलिए हर 4 सौर सालों में 1 सौर खरमास कहलाता है। खरमास के समय धनु संक्रांति होती है।

धनु सक्रांति की पूजा विधि (Dhanu Sankranti Puja Vidhi)

  • धनु सक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
  • इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पण किया जाता है।
  • जल अर्पण करने के बाद धूप एवं फूल आदि चढ़ाकर भोग लगाया जाता है।
  • सूर्य भगवान को भोग लगाने के बाद बाकी लोगों को प्रसाद में मीठी बात खिलाई जाती है।
  • इस दिन विशेष तौर पर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ी जाती है।
  • भगवान विष्णु की पूजा में केले के पत्ते, फल, सुपारी, तुलसी, मेवा आदि का भोग लगाया जाता है।
  • इस दिन देवी लक्ष्मी, महादेव एवं ब्रह्मा जी की आरती भी की जाती है।
  • आरती करने के बाद चरणामृत का प्रसादसब में बांटा जाता है।

धनु संक्रांति के दिन किए जाने वाले उपाय

  • धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा अर्चना का काफी महत्व है और सूर्य देव की पूजा विशेष तौर पर की जाती है।कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति का भविष्य सूर्य की तरह चमकता है।
  • धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदियों के जल में स्नान किया जाता है ताकि बुरे कर्म या पापों से मुक्ति मिल जाए।
  • अगर कुंडली में बृहस्पति धनु राशि मेंबैठा हो तो इस अवधि में शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
  • जो कार्यरोजमर्रा के होते हैं उन पर इस सक्रांति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  • इस सक्रांति के दिन गंगा यमुना स्नान का काफी महत्व है और लोग बढ़-चढ़कर स्नान करने के लिए इन नदियों में जाते हैं।
  • बुद्धि और विवेक की प्राप्ति के लिए धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है।
  • दान देना और पैतृक पूजा करना इस दिन शुभ माना जाता है।

धनु संक्रांति 2023 के दिन ध्यान देने योग्य बातें

  • इस सक्रांति के समय किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता हैक्योंकि धनु सक्रांति को समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता; कहते हैं कि यदि इस समय विवाह किया जाए तो भावनात्मक सुख नहीं मिलता और दुख ही जिंदगी में रह जाता है।
  • किसी भी प्रकार का नया कारोबार शुरू करना भीसही नहीं माना जाता क्योंकि ऐसा करने से नया काम बीच में रुकने की संभावना होती है। मान्यताओं के अनुसार नया कारोबार शुरू करने से कर्ज बढ़ जाता है और लोगों के बीच में धन फस जाता है।
  • मकान बनाने और बेचने आदि को भी इससे क्रांति के समय शुभ नहीं माना जाता क्योंकि इस समय यदि नया मकान बनाया जाए तो उसका सुख नहीं मिलता।
  • नया मकान बनाने के प्रयास में भी रुकावट आ जाती हैं और कई बार दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है।

धनु संक्रांति तिथि (Dhanu Sankranti 2023 Date)

धनु संक्रांति तिथि 16 दिसंबर, 2023 को शनिवार के दिन होगी।

  • Punya Kala – From 4:09PM to 5:26PM on 16th December
  • Maha Punya Kala – From 4:09PM to 5:26PM on 16th December

Frequently Asked Questions

धनु संक्रांति कब है?

धनु संक्रांति 16 दिसंबर, 2023 को है।

धनु संक्रांति कहां मनाई जाती है?

ज्‍यादातर उड़ीसा राज्य में

When is Sankranti moment?

From 4:09PM on December 16

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