UP Board Class 12 Civics (नागरिक शास्त्र) Syllabus 2024-25

Uttar Pradesh Board of Education has release the Class 12th Civics Subject Syllabus for the session 2024-25. It is a very important exam for the students of arts stream. Those aspirants going to appear for the class 12th exam next year should know the UP Board 12th Class Civics Syllabus 2024. The complete syllabus is divided into two parts of 50 marks each. Go through this post to check latest UP Board 12th Class Civics Syllabus 2024-25.
Uttar Pradesh (UP) Board 12th Class Civics Syllabus 2024-25 Latest
As mentioned above the complete syllabus is divided into two parts. The unit wise distribution of marks between two parts are as follows.
अधिकतम अंक – 100 marks
समय : 3 घण्टे | ||
खण्ड “क” | समकालीन विश्व राजनीति | अंक |
इकाई एक – 1 | शीत युद्ध का दौर | 14 |
2 | दो ध्रुवीयता का अंत | |
इकाई दो – 1 | सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र | 16 |
2 | समकालीन दक्षिण एशिया | |
इकाई तीन – 1 | अन्तर्राष्ट्रीय संगठन | 10 |
इकाई चार – 1 | पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन | 10 |
योग | 50 अंक | |
खण्ड “ख” | स्वतन्त्र भारत में राजनीति | |
इकाई पांच – 1 | राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ | 16 |
2 | नियोजित विकास की राजनीति | |
इकाई -छः 1 | भारत का विदेश सम्बन्ध | 18 |
2 | लोकतात्रिक व्यवस्था का सकट | |
इकाई-सात – 1 | जन आंदोलनों का उदय | 16 |
2 | क्षेत्रीय आकांक्षाएँ | |
3 | भारतीय राजनीति : नए बदलाव | |
योग | 50 अंक |
प्रश्नों के प्रकार
प्रश्नों के प्रकार | प्रश्नों की संख्या | अंक | कूल अंक |
बहुविकल्पीय प्रश्न | 10 | 1 | 10 |
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न | 10 | 2 | 20 |
लघु उत्तरीय प्रश्न | 6 | 5 | 30 |
दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्न | 4 | 6 | 24 |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | 2 | 8 | 16 |
प्रश्नों की संख्या- 32 | योग – 100 |
प्रश्नों के उद्देश्यों पर बल
क्रमांक | प्रश्नों का प्रकार | अंक | अनुमानित प्रतिशत |
1 | ज्ञानात्मक | 40 | 40% |
2 | बोधात्मक | 40 | 40% |
3 | अनुप्रयोगात्मक | 20 | 20% |
योग | 100 | 100% |
प्रश्नों की कठिनाई स्तर पर बल
क्रमांक | क्लिष्टता स्तर | अंक | प्रतिशत |
1 | सरल | 30 | 30% |
2 | सामान्य | 50 | 50% |
3 | कठिन | 20 | 20% |
योग | 100 | 100% |
नागरिक शास्त्र. पूर्णांक : 100 अंक
खण्ड “क” : समकालीन विश्व राजनीति – पूर्णांक : 50 अंक
इकाई- I – 14 अंक
- शीत युद्ध का दौर
- द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् दो शक्ति गुटों का उदय, शीतयुद्ध की रणभूमि, द्विधुवीयता की चुनौतियाँ: गुटनिरपेक्ष आन्दोलन | नव–अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था; भारत और शीतयुद्ध|
- दो ध्रुवीयता का अंत
- विश्व राजनीति में नई सत्ताएँ : रुस, बाल्कन राज्य, केन्द्रीय एशियाई राज्य; उत्तर-साम्यवादी शासनकाल में लोकतांत्रिक राजनीति और पूँजीवाद का प्रवेश। रूस एवं उत्तर-साम्यवादी राज्यों के साथ भारत के सम्बन्ध।
इकाई- II – 16 अंक
- सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र
- उत्तर-माओ युग में चीन का आर्थिक शक्ति के रूप में उदय; यूरोपीय संघ का निर्माण एवं विस्तार। आसियान, चीन के साथ भारत के बदलते सम्बन्ध।
- समकालीन दक्षिण एशिया (उत्तर शीत युद्ध युग में)
- समकालीन दक्षिण एशिया (उत्तर शीत युद्ध युग में) – पाकिस्तान और नेपाल का लोकतान्त्रिकरण। श्रीलंका का नस्लीय (प्रजातीय) संघर्ष; क्षेत्र पर आर्थिक वैश्वीकरण का प्रभाव दक्षिण एशिया में संघर्ष एवं शांति के लिये प्रयास। भारत के पड़ोसी देशों के साथ सम्बन्ध।
इकाई- III – 10 अंक
- अन्तर्राष्ट्रीय संगठन –
- संयुक्त राष्ट्र संघ का पुनर्गठन एवं भविष्य । पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थिति। नये अन्तर्राष्ट्रीय कर्त्ताओं का उदय; नये अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठन, गैर सरकारी संगठन।
इकाई- IV – 10 अंक
- पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
- पर्यावरणीय आन्दोलन और वैश्विक- पर्यावरणीय मानकों का मूल्यांकन | संसाधनों की भू-राजनीति (पारंपरिक एवं अन्य संसाधनों पर संघर्ष) मूलवासियों के अधिकार | वैश्विक पर्यावरणीय विचार में भारत का पक्ष।
खण्ड ‘ख’ : स्वतन्त्र भारत में राजनीति – 50अंक
इकाई- V – 16 अंक
- राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ-
- राष्ट्र-निर्माण में नेहरू का दृष्टिकोण; विभाजन की विरासत शरणार्थियों के पुनर्वास की चुनौती, कश्मीर की समस्या; राज्यों का गठन एवं पुनर्गठन; भाषा पर राजनीतिक संघर्ष।
- नियोजित विकास की राजनीति
- पंचवर्षीय योजनायें, राज्य-क्षेत्र का विस्तार एवं नये आर्थिक हितों का उदय, पंचवर्षीय योजनाओं की कमियाँ एवं विलम्ब के कारण; हरित क्रांति एवं उसके बाद के बदलाव।
इकाई – VI – 16 अंक
- भारत का विदेश सम्बन्ध
- नेहरू की विदेश नीति; भारत-चीन युद्ध 4962; भारत-पाक युद्ध 4965 एवं 4974; भारत का परमाणु कार्यक्रम; विश्व राजनीति में बदलते सम्बन्ध।
- लोकतांत्रिक व्यवस्था के संकट
- गुजरात का नवनिर्माण आन्दोलन एवं बिहार का आन्दोलन; न्याय पालिका से संघर्ष, आपातकाल : प्रकरण (प्रसंग); संवैधानिक एवं संविधानेत्तर आयाम (पहलू); आपातकाल का विरोध। 497 के चुनाव और जनता पार्टी का उदय (उत्त्पत्ति)।
इकाई – VII – 16 अंक
- जन आन्दोलनों का उदय-(भारत के लोकप्रिय आन्दोलन)
- किसान आन्दोलन; महिला आन्दोलन; पर्यावरण और विकास प्रभावित जन आन्दोलन|
- क्षेत्रीय आकांक्षाएँ एवं अर्न्तद्वन्द
- क्षेत्रीय दलों का उदय; पंजाब संकट एवं 4984 के सिक््ख विरोधी दंगे। कश्मीर की स्थिति, पूर्वोत्तर में चुनौतियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ |
- भारतीय राजनीति में नये बदलाव
- 1990 में भागीदारी की लहर। जनता दल एवं भारतीय जनता पार्टी का उदय; क्षेत्रीय दलों की बढ़ी भूमिका और गठबंधन की राजनीति : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठनबंधन (NDA) (1998–2004), संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(UPA)(2004–1044), राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) (2014 से अब तक)। मण्डल आयोग की रिपोर्ट लागू करना, साम्प्रदायिकता, धर्म निरपेक्षता और लोक तन्त्र।
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